Bageshwar Dham - परिचय – बागेश्वर धाम Dhirendra Krishna was born and brought up in a Hindu Saryuparin Brahmin Family where his father works as a priest. Reportedly Shastri was instructed by Lord Hanuman to become the Peethadhiswar of Bageshwar Dham Sarkar and work for social service. According to him he is an ordinary man and not a Self styled god man, he identifies him neither a god nor a tantric.
करीब 300 साल पहले जिस मानव कल्याण और जनसेवा की परंपरा को सन्यासी बाबा ने शुरु किया था, अब इसी परंपरा को और आगे बढ़ा रहे हैं बालाजी महाराज के कृपा पात्र, श्री दादा गुरुजी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, जिसे पूरी दुनिया बागेश्वर धाम सरकार के नाम से संबोधत करती है। भक्तों का कष्ट हरने भगवान खुद इस धरती पर नहीं विराजते बल्कि अपने किसी दूत को भेजते हैं। बागेश्वर धाम सरकार, बालाजी के वो भक्त हैं जिनपर उनकी असीम कृपा है। यहां जो भी बालाजी महाराज की शरण में अपनी मनोकामना लेकर आता है, बालाजी महाराज अपने परम भक्त बागेश्वर धाम सरकार के माध्यम से उसे पूर्ण करवाते हैं। बालाजी महाराज के आशीर्वाद से महाराज श्री बागेश्वर धाम सरकार की ख्याति की गवाही तो उनकी कथाओं और उनके दरबारों में श्रद्धालुओं भारी भीड़ देती है। महाराज श्री के दर्शन और उनकी एक झलक पाने के लिए ना जाने कहां कहां से श्रद्धालुगण देशभर में हो रही इनकी कथाओं में पहुंचते हैं और उनकी दिव्यवाणी का श्रवण करते हैं। 4 जुलाई 1996 को मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में सरयूपारीय ब्रह्मण परिवार में पिता श्री रामकृपाल जी महाराज और भक्तिमति माता सरोज के परिवार में जन्मे पूज्य गुरुदेव का बचपन गरीबी और तंगहाली में बीता। कर्मकांडी ब्राह्ण का परिवार था, तो पूजा पाठ में जो दक्षिणा मिल जाती उसी से 5 लोगों का परिवार चलता। ऐसे में पूज्य महाराज श्री को अपनी शिक्षा भी अधुरी छोड़नी पड़ी। तीन भाई-बहन में सबसे बड़े गुरुदेव का पूरा बचपन अपने परिवार के भरण-पोषण की व्यवस्था करने में ही गुज़र गया। लेकिन एक दिन बालाजी महाराज की आज्ञा और कृपा से उन्हें उनके दादा जी श्री श्री 1008 दादा गुरु जी महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ और दादा गुरु के आशिर्वाद और आदेश से महाराज श्री बालाजी महाराज की सेवा में जुट गए। सन्यासी बाबा और इस धाम की महिमा को दुनिया भर में फैलाया और आज इसका नतीजा है धाम पर हर मंगलवार और शनिवार को पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़। जनकल्याण और समाज कल्याण के कार्यों के क्रम में जिस तरह से मानव जाति का कल्याण होता आया है, इसके लिए युगों युगों तक गुरुदेव के संकल्प और उनकी कीर्ति याद रखी जाएगी। अपने लिए ना जी कर दूसरों के लिए जीये, दूसरों के लिए कुछ करने के संकल्प के साथ अपना पूरा समय मानवता की सेवा में दे, ऐसे महापुरुष संत को बारम बार नमन…
पूज्य गुरुदेव के संकल्प
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी के संकल्पों ने समाज कल्याण और लोक कल्याण की एक अलग परिभाषा गढ़ी है। महाराजश्री के संकल्पों का जीता जागता उदाहरण है धाम परिसर में चल रही अन्नपूर्णा रसोई, धाम की चढ़ोत्री से प्रतिवर्ष गरीब और बेसहारा बेटियों का विवाह, वैदिक शिक्षा के लिए धाम परिसर में गुरुकुल, पर्यावरण संरक्षण के लिए देशभर में बागेश्वर बगिया, गौरक्षा के लिए नारा – गौशाला नहीं उपाय, एक हिन्दू एक गाय और बेसहारा बच्चों के लिए रहने खाने से लेकर शिक्षा की व्यवस्था करना….महाराज श्री के इन नेक संकल्पों में अब देश-विदेश के श्रद्धालु जुड़ते जा रहे हैं।
आप भी पूज्य गुरुदेव के संकल्पों से जुड़ें और सनातन धर्म की रक्षा एवं मानव सेवा में सहयोग कर पूण्य के भागी बनें….
श्री श्री लक्ष्मी यंत्रम् सिर्फ बागेश्वर धाम से ही मिलेगा। इसकी कहीं और कोई शाखा नहीं है। इस संबंध में किसी अन्य संस्था या व्यक्ति के दावों से सावधान रहें। गलत लोगों की बातों में आकर कोई श्रद्धालु ठगा न जाए इसलिए इस सूचना को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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